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रिमझिम और बादल एक कौए की मज़ेदार कहानी पढ़ रहे हैं। आओ उनके साथ पढ़ें।

एक कौआ जंगल में एक पेड़ पर रहता था। उस पेड़ के पास एक झील थी। कौआ अक्सर उस झील में तैरते हंसों की प्रशंसा किया करता था। उसने सोचा 'हंस पानी में इतनी आसानी से तैर सकता है। तैरने में बहुत मज़ा आता है और जो भी खाता है, सब वहाँ झील में ही मिल जाता है।' हंस, दुनियाँ का सबसे सुखी पक्षी होगा। कौए ने भी झील में तैरने की कोशिश की और वह डूबते-डूबते बचा।

उसने अपने मन की बात हंस को बताई। हंस ने कहा, "मुझे लगता था कि मैं सबसे सुखी पक्षी हूँ। पर फिर मैंने तोते को देखा था, जो इंसानों की आवाज़ की नकल कर लेता है और उसे बढ़िया फल खाने को मिलते हैं।" कौआ तब एक तोते के पास गया और उससे कहा कि वह उसे इंसानों की आवाज़ की नकल करना सिखाए। कौए ने इंसान की आवाज़ की नकल करने की कोशिश की, परंतु उसके मुँह से केवल 'काव, काव' की आवाज़ निकली। कौआ बहुत उदास हो गया और उसने तोते से कहा, “तुम वास्तव में दुनिया के सबसे सुखी पक्षी हो।” तब तोते ने बताया, "मेरा जीवन बहुत सुखमय था, जब तक मैंने मोर को नहीं देखा था। मोर बहुत सुंदर तरीके से नाच सकता है। उसकी आवाज़ बहुत तेज़ है, जो जंगल के दूसरे प्राणियों को किसी भी ख़तरे के बारे में सावधान कर देती है। मेरे विचार से मोर दुनिया का सबसे सुखी पक्षी है।”



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