खाने की छुट्टी चल रही थी। जूही और गुरप्रीत एक पेड़ के नीचे बैठकर भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के बारे में बात कर रहे थे। जूही ने कहा, “मैं पिछले साल दिल्ली गई थी। कुतुब मिनार भारत की सबसे सुंदर और सबसे ऊँची इमारत है।” गुरप्रीत ने भौंहें चढ़ाकर कहा, “मैं मानता हूँ कि वह ऊँची है पर वह सबसे सुंदर नहीं है। कोई भी इमारत ताजमहल से ज़्यादा सुंदर नहीं हो सकती। वह भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में सबसे सुंदर इमारत है।”
डैज़ी उनके पीछॆ ही बैठी थी और ये सब बातें सुन रही थी। उन दोनों की तरफ मुड़कर उसने कहा, “क्या तुम्हें पता है, ताज महल और कुतुब मिनार की ऊँचाई एक बराबर है?” जूही ने चकित होकर जवाब दिया, “मुझे यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है, पर तुम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकती हो? मैंने ताजमहल देखा है और कुतुब मिनार भी। कुतुब मीनार ही ज़्यादा ऊँची दिखती है।” डैज़ी ने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा, “कुतुब मीनार और ताज महल, दोनों की ऊँचाई 73 मीटर है। यह एक तथ्य है, इसलिए मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ।” गुरप्रीत ने उत्साह दिखाते हुए कहा, “अच्छा है, अब हमें इस बात पर बहस करने की ज़रूरत नहीं है कि कुतुब मीनार ज़्यादा ऊँची है या फिर ताज महल। डैज़ी, तुम बहुत कुछ जानती हो, मुझे यकीन है कि तुम इस बात से सहमत होगी कि ताज महल, कुतुब मीनार से ज़्यादा खूबसूरत है।” डैज़ी उनकी बहस में नहीं पड़ना चाहती थी, इसलिए उसने कहा, “मुझे लगता है कि कोणार्क के मंदिर ज़्यादा सुंदर हैं। उन पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। मैंने तो केवल उनके चित्र देखें हैं पर वे बहुत सुंदर दिखते हैं।” तभी घंटी बज गई और सभी बच्चे अपनी क्लास में गए। जूही यह सोचती रही की भारत की सबसे सुंदर इमारत कौन-सी है। उसने तय किया कि वह समाज विज्ञान की टीचर से यह सवाल पूछॆगी।
[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org on 3. April 2024 20:35:44]
खाने की छुट्टी चल रही थी। जूही और गुरप्रीत एक पेड़ के नीचे बैठकर भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के बारे में बात कर रहे थे। जूही ने कहा, “मैं पिछले साल दिल्ली गई थी। कुतुब मिनार भारत की सबसे सुंदर और सबसे ऊँची इमारत है।” गुरप्रीत ने भौंहें चढ़ाकर कहा, “मैं मानता हूँ कि वह ऊँची है पर वह सबसे सुंदर नहीं है। कोई भी इमारत ताजमहल से ज़्यादा सुंदर नहीं हो सकती। वह भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में सबसे सुंदर इमारत है।”
डैज़ी उनके पीछॆ ही बैठी थी और ये सब बातें सुन रही थी। उन दोनों की तरफ मुड़कर उसने कहा, “क्या तुम्हें पता है, ताज महल और कुतुब मिनार की ऊँचाई एक बराबर है?” जूही ने चकित होकर जवाब दिया, “मुझे यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है, पर तुम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकती हो? मैंने ताजमहल देखा है और कुतुब मिनार भी। कुतुब मीनार ही ज़्यादा ऊँची दिखती है।” डैज़ी ने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा, “कुतुब मीनार और ताज महल, दोनों की ऊँचाई 73 मीटर है। यह एक तथ्य है, इसलिए मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ।” गुरप्रीत ने उत्साह दिखाते हुए कहा, “अच्छा है, अब हमें इस बात पर बहस करने की ज़रूरत नहीं है कि कुतुब मीनार ज़्यादा ऊँची है या फिर ताज महल। डैज़ी, तुम बहुत कुछ जानती हो, मुझे यकीन है कि तुम इस बात से सहमत होगी कि ताज महल, कुतुब मीनार से ज़्यादा खूबसूरत है।” डैज़ी उनकी बहस में नहीं पड़ना चाहती थी, इसलिए उसने कहा, “मुझे लगता है कि कोणार्क के मंदिर ज़्यादा सुंदर हैं। उन पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है। मैंने तो केवल उनके चित्र देखें हैं पर वे बहुत सुंदर दिखते हैं।” तभी घंटी बज गई और सभी बच्चे अपनी क्लास में गए। जूही यह सोचती रही की भारत की सबसे सुंदर इमारत कौन-सी है। उसने तय किया कि वह समाज विज्ञान की टीचर से यह सवाल पूछॆगी।