जीवन उस तरह नहीं चलता जिस तरह हम चाहते हैं। कभी-कभी हमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज हम यासमीन नामक एक लड़की की कहानी से देखेंगे, कि किस प्रकार हम समस्याओं का हल विभिन्न तरीकों से निकाल सकते हैं।
यासमीन के पिता की मृत्यु कुछ वर्ष पहले हुई, जब वे फैक्ट्री से घर आ रहे थे, जहाँ वे काम करते थे। वे बस से उतरे ही थे जब तेज़ी से आ रही एक कार ने अपना संतुलन खो दिया, जिससे वह सड़क के किनारे की पटरी पर चढ़ गई और उनको टक्कर मारकर निकल गई। पिता की मृत्यु के बाद उनके पाँच सदस्यों के परिवार के पास आमदनी का कोई साधन नहीं था। बस उनके पास थोड़ा-सा धन अवश्य था, जो उन्हें फैक्ट्री से मिला था। कुछ महीने उन्होंने इन पैसों से काम चलाया, पर अब उनके पास बहुत कम पैसे बचे थे। यासमीन की माँ ने पहले ही चार घरों में काम करना शुरू कर दिया था, परंतु यह काफी नहीं था। उसके दो जुड़वाँ छोटे भाई चौथी कक्षा में पढ़ रहे हैं। उसकी दादी घर पर है। बेटे को खोने के बाद वह कमज़ोर हो गई है और उसकी कमर झुक गई है। फिर भी वह घर का काम संभालती है, जब यासमीन की माँ बाहर काम करने जाती है।
यासमीन कक्षा IX में पढ़ रही है।परंतु उसकी माँ ने उसे कह दिया है कि यदि उनकी ज़्यादा कमाई नहीं हुई, तो उसे स्कूल छोड़ना पड़ सकता है। वह इससे बहुत ज़्यादा परेशान है क्योंकि वह हमेशा एक अच्छी छात्रा रही है और वह दसवीं कक्षा पास करने के बाद नर्स डिप्लोमा कोर्स करने की सोच रही थी।
[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org on 10. Januar 2018 23:13:37]
जीवन उस तरह नहीं चलता जिस तरह हम चाहते हैं। कभी-कभी हमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज हम यासमीन नामक एक लड़की की कहानी से देखेंगे, कि किस प्रकार हम समस्याओं का हल विभिन्न तरीकों से निकाल सकते हैं।
यासमीन के पिता की मृत्यु कुछ वर्ष पहले हुई, जब वे फैक्ट्री से घर आ रहे थे, जहाँ वे काम करते थे। वे बस से उतरे ही थे जब तेज़ी से आ रही एक कार ने अपना संतुलन खो दिया, जिससे वह सड़क के किनारे की पटरी पर चढ़ गई और उनको टक्कर मारकर निकल गई। पिता की मृत्यु के बाद उनके पाँच सदस्यों के परिवार के पास आमदनी का कोई साधन नहीं था। बस उनके पास थोड़ा-सा धन अवश्य था, जो उन्हें फैक्ट्री से मिला था। कुछ महीने उन्होंने इन पैसों से काम चलाया, पर अब उनके पास बहुत कम पैसे बचे थे। यासमीन की माँ ने पहले ही चार घरों में काम करना शुरू कर दिया था, परंतु यह काफी नहीं था। उसके दो जुड़वाँ छोटे भाई चौथी कक्षा में पढ़ रहे हैं। उसकी दादी घर पर है। बेटे को खोने के बाद वह कमज़ोर हो गई है और उसकी कमर झुक गई है। फिर भी वह घर का काम संभालती है, जब यासमीन की माँ बाहर काम करने जाती है।
यासमीन कक्षा IX में पढ़ रही है। परंतु उसकी माँ ने उसे कह दिया है कि यदि उनकी ज़्यादा कमाई नहीं हुई, तो उसे स्कूल छोड़ना पड़ सकता है। वह इससे बहुत ज़्यादा परेशान है क्योंकि वह हमेशा एक अच्छी छात्रा रही है और वह दसवीं कक्षा पास करने के बाद नर्स डिप्लोमा कोर्स करने की सोच रही थी।