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थोड़ी दूर पर स्वप्ना भी स्कूल की तरफ भाग कर जा रही थी। उसे भी हैडमास्टर की डाँट याद थी और वह जल्दी से स्कूल पहुँचना चाहती थी। उसने राधा को पेड़ के नीचे बैठे देखा और उसके पास जा कर कहा, “क्या हुआ राधा?”

मुझे काँटा चुभ गया” राधा ने रोती हुई आवाज़ में जवाब दिया। राधा के पैर से खून निकलता देख स्वप्ना ने कहा, “चिंता मत करो, मैं तुम्हें अपने घर ले चलती हूँ। मेरा घर पास ही है और माँ को पता होगा कि क्या करना चाहिए”। राधा को लगा, कि अगर उसके दोस्तों को पता चल गया कि वह स्वपना के घर गई थी, तो वे बातें बनाएँगे। पर वह दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, इसलिए उसके साथ चली गई।”
Radha



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