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Unit 3: The Solar System and Beyond

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शब्दकोष

   क्ष त्र ज्ञ

खगोल शास्त्र का शब्दकोष

 

अनुपात (Ratio):

  1. अनुपात दो नंबरों के बीच का संबंध है। यह दर्शाता है कि पहली संख्या में दूसरी संख्या कितनी है।

  2. अनुपात विभाजन द्वारा दो संख्याओं की तुलना है।

अयनांत (Solstice):
सूर्य का सबसे उत्तर या सबसे दक्षिण दिशा में दिखाई देना । प्रतिवर्ष 21 जून और 21 दिसंबर इन दो दिनों पर अयनांत होता है। ये सबसे लंबे या सबसे छोटे दिन होते हैं (ये इसपर निर्भर करता है कि आप कौनसे गोलार्ध में हैं)।

अंतरिक्ष (बाह्य अंतरिक्ष) (Space or Outer space):
पृथ्वी के वायुमंडल और खगोलीय पिंडो के बीच का विद्यमान विस्तार।

बाह्य अंतरिक्ष पूरी तरह से खाली नहीं है । यह ज्यादातर कम घनत्व वाले कणों का निर्वात है, जिसमें मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम के प्लाज्मा के साथ-साथ विद्युत-चुंबकीय विकिरण, चुंबकीय क्षेत्र, न्यूट्रीनो, धूल और कॉस्मिक (ब्रह्मांडीय) किरणें होती हैं ।

आकाश (Sky):
पृथ्वी की सतह के ऊपर स्थित सब कुछ, जिसमें वायुमंडल और बाह्य अंतरिक्ष भी शामिल है ।

इशारा (Gesture):
विचार या अर्थ व्यक्त करने के लिए, शरीर के हिस्से, विशेष रूप से हाथ या सिर के हाव-भाव ।

 

उपग्रह (Satellite):
ग्रह के चारों ओर घूमनेवाले पिंड को उपग्रह कहते हैं । उपग्रह दो प्रकार के होते हैं ।

  1. प्राकृतिक उपग्रह या चंद्र खगोलीय पिंड होता है जो ग्रह की परिक्रमा करता है।

  2. कृत्रिम उपग्रह मानव निर्मित वस्तु है जो जान बूझकर अंतरिक्ष में रखी जाती है और वह विभिन्न ग्रहों के चारों ओर घूमती है।

क्रांतिवृत्त (Ecliptic):

  1. पृथ्वी की कक्षा का तल

  2. सूर्य एक वर्ष के दौरान आकाश में जिस गोलाकार पथ का पालन करता हुआ प्रतीत होता है ऐसा खगोलीय वृत्त ।

केल्विन (Kelvin):
केल्विन तापमान को मापने की एक इकाई है ।

डिग्री और केल्विन के बीच संबंध: केल्विन का तापमान = डिग्री सेल्सियस में तापमान + 273

 

कोणीय आकार (जिसे कोणीय व्यास, दृश्य व्यास या दृश्य आकार के रूप में भी जाना जाता है) (Angular size, Angular diameter, Apparent diameter or Apparent size):

  1. दृश्य आकार कोणीय माप का वर्णन करता है,जिससे किसी दिए गए बिंदु से एक गोला या वृत्त कितना बड़ा है दिखाई देता है।

  2. यह दर्शक द्वारा अवलोकन बिंदु से देखा जानेवाला वस्तु का वास्तविक आकार होता है ।

Angular

(Image- credit: By Sriram.aeropsn - Own work, Public Domain, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=5745197)

खगोलीय वस्तु (आकाशीय वस्तु) (Celestial Object):
ब्रह्मांड में प्राकृतिक रूप में पाए जानेवाली भौतिक वस्तु, संघ या संरचना। (उदाहरण: धूमकेतु, ग्रह, तारा, आकाशगंगा)

 

खगोलीय क्षेत्र (खगोलीय गोला) (Celestial Globe):
बहुत बड़े त्रिज्या का एक अमूर्त क्षेत्र (गोल) जिसके केंद्र पर पृथ्वी है। आकाश में मौजूद सभी पिंड इसी खगोलीय क्षेत्र की आंतरिक सतह पर दिखाई देते हैं ।

ग्रह (Planet):
सूर्य या किसी तारे के चारों ओर एक निर्धारित कक्षा में घूमने वाला आकाशीय पिंड ।

 

ग्लोब (Globe):
ग्लोब (गोलक) हमारे पृथ्वी का एक प्रतिरुप (मॉडल) है | जब हम इसे देखते हैं, तो हम कल्पना कर सकते हैं कि अंतरिक्ष से हमारी पृथ्वी कैसे दिखती है।

ग्लोब के विभिन्न आकार और प्रकार होते है । लेकिन सभी ग्लोब पर दी गई सारी विशेषताएं एक जैसी होती हैं। ग्लोब को पृथ्वी की तुलना में आनुपातिक बना दिया है ताकि पृथ्वी की वास्तविक विशेषताओं को ग्लोब पर दिखाया जा सके।

globe
(Image credit : by Kskhh, GEO Globe, CC-BY-SA-4.0 https://commons.wikimedia.org/wiki/File:GEO_Globe_10.jpg)

ग्लोब की खडी रेखाओं को देशांतर और लेटी हुई रेखाओं को अक्षांश कहते हैं। पृथ्वी के सबसे लंबे अक्षांश अर्थात पृथ्वी के व्यास को भूमध्य रेखा कहते हैं। भूमध्य रेखा ने ग्लोब को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध के दो समान भागों में विभाजित किया है।

भूमध्य रेखा के दोनों तरफ 23.5 डिग्री पर दो अक्षांश हैं । भूमध्य रेखा के उत्तर की ओर स्थित अक्षांश को कर्क रेखा कहते हैं और दक्षिण की ओर स्थित अक्षांश को मकर रेखा कहते हैं ।

पृथ्वी अपने केंद्र से गुजरने वाली रेखा पर घूमती है। पृथ्वी की घूर्णन धुरी 23.5 डिग्री से झुकी है। पृथ्वी पर विभिन्न मौसमों का अनुभव करने का यह एक मुख्य कारण है।  पृथ्वी पर 7 महाद्वीप और 5 महासागर हैं।

 

गोलार्ध (Hemisphere):
पृथ्वी के क्षेत्र का आधा भाग ।

पृथ्वी के दो समान गोलार्ध है,

  1. उत्तरी गोलार्ध, जो भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित है ।

  2. दक्षिणी गोलार्ध, जो भूमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित है ।

 

गुरुत्वाकर्षण (Gravitation):
यह एक प्राकृतिक घटना है जिसमें सभी भारयुक्त चीजें एक दूसरे के प्रति आकर्षित होती हैं।

 

ग्रहण (Eclipse):
जब एक खगोलीय पिंड अस्थायी रूप से किसी अन्य खगोलीय पिंड के सामने या उसकी छाया में आता है, तब ऐसी खगोलीय घटना को ग्रहण कहते हैं ।

घूर्णन (Rotation):

  1. दो आयामी वस्तु (जैसे डिस्क) का अपने घूर्णन बिंदु के आसपास गोलाकार गति करना ।

  2. त्रि-आयामी वस्तु को हमेशा उसके बीच से गुजरने वाले अनंत बिंदुओं की रेखा के इर्द-गिर्द घुमाया जा सकता है, इस काल्पनिक रेखा को घूर्णन अक्ष कहते है ।

चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse):
चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा ठीक पृथ्वी के पीछे से उसकी छाया में आ जाता है। यह तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में हो, या बहुत निकट हो, और पृथ्वी मध्य में हो। इसलिए, चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा की रात ही हो सकता है ।

 

चंद्रमा की कला (Phases of the Moon):
पृथ्वी से देखने पर चंद्रमा के (सूर्य के प्रकाश के कारण) प्रकाशित भाग के आकार को चंद्रमा की कला कहते है।

ज्वारीय ताला (Tidal locking):
ज्वारीय ताला एक ऐसी स्थिति है जब किसी वस्तु की कक्षीय अवधि और उसकी घूर्णन अवधि एकसमान होती है।

तारा (Star):
अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ रखा हुआ प्लाज्मा का एक चमकदार गोला

 

तिथि (Tithi):
चंद्र दिन । धरती पर किसी भी स्थान से लगातार उगने वाले दो चंद्रमाओं के बीच के समय को तिथि कहते है।

दीप्ती (Luminosity):

  1. खगोलीय वस्तु की आंतरिक चमक |

  2. खगोलीय वस्तु द्वारा प्रति यूनिट समय में उत्सर्जित ऊर्जा की कुल राशि |

 

दृश्य गति (Apperent motion):
देखनेवाले को (पृथ्वी की) गति के कारण खगोलीय पिंड आकाश में घूमते दिखाई देते हैं । उनकी यह दृश्य गति उनके वास्तविक गति से अलग है। उदाहरण के लिए, चंद्रमा लगभग 27.3 दिनों में पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है । लेकिन पृथ्वी और चंद्रमा के एक साथ गति के संयोजन के कारण लगभग 25 घंटे में यह पृथ्वी के चारों ओर स्थानांतरित होता दिख़ता है।

नक्षत्र (Nakshatra):
क्रांतिवृत्त के 27 क्षेत्रों में से एक जो सामान्यत: चंद्र के पथ से जुड़े होते हैं । उनके नाम संबंधित क्षेत्रों के सबसे प्रमुख तारों से संबंधित होते हैं। इसका उपयोग चंद्र (और ग्रहों) की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है ।

 

नाक्षत्र दिवस (Sidereal day):
यह पृथ्वी द्वारा (सूर्य के अलावा) निश्चित सितारों के सापेक्ष अपनी अक्ष पर घुमने के लिए लिया गया समय होता है। पृथ्वी की कक्षीय गति के कारण यह सौर दिन से लगभग चार मिनट कम होता है ।

 

नाक्षत्र माह (Sidereal month):
यह चंद्रमा द्वारा निश्चित (पृष्ठभूमि) सितारों के बीच वापस उसी जगह आने तक का समय होता है । नाक्षत्र महीने का समय 27.322 दिन है ।

 

निर्वात (Vacuum):
आकाश में पदार्थ रहित स्थान

परमाणु संलयन (नाभिकीय संलयन) (Nuclear fusion):

  1. यह एक प्रक्रिया है जिसमें दो या अधिक परमाणु (नाभिक) एक या अधिक भिन्न परमाणु (नाभिक) और उप-परमाण्विक कण (न्यूट्रॉन और / या प्रोटॉन) बनाने के लिए करीब आते हैं।

  2. परमाणु संलयन दो हल्के नाभिक से एक भारी नाभिक बनाने की प्रक्रिया है।

परावर्तन (Reflection):
दो अलग-अलग माध्यमों के बीच की सीमा में किरण (या लहर) की दिशा में होनेवाले बदलाव के कारण लहर उसी माध्यम में वापस लौट जाती है जहां से वह आयी थी, इस घटना को परावर्तन कहते है ।

 

परिक्रमण (Revolution):
एक वस्तु का किसी अन्य वस्तु के चारों ओर एक घुमावदार पथ (कक्षा) में चक्कर लगाना ।

 

प्रहार क्रेटर (Impact creter):
जब छोटे आकार की कोई वस्तु बहुत तेज गति के साथ ग्रह, उपग्रह या सौर मंडल के अन्य पिंडों की सतह पर उतरती है, तब उनके सतह पर लगभग गोलाकार गड्ढे बनते है, उन्हें प्रहार क्रेटर कहते हैं ।

 

प्लाज्मा (Plasma):

  1. वायु के समान एक आयनित स्थिति

  2. आयनित गैस जिसमें सकारात्मक आयन और मुक्त इलेक्ट्रॉन शामिल होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बहुत उच्च तापमान (जैसे तारों में) में कोई विद्युत प्रवाह नहीं होता है।

भ्रम (Illusion):
गलत उदाहरण या संवेदी अनुभव द्वारा गलत अनुमान लगाना।

राशि चक्र (ज्योतिष फल) (Zodiac sign):
पश्चिमी ज्योतिष में, राशिचक्र आकाशीय क्रांतिवृत्त के 30° क्षेत्र के बारह भाग हैं, जिसकी शुरूवात वसंत विषुव से होती है।

 

वजन (Weight):

  1. वस्तु का सापेक्ष द्रव्यमान या उसके द्वारा निहित पदार्थ की मात्रा, जो एक अधोगामी बल को जन्म देती है; किसी व्यक्ति या वस्तु का भार ।

  2. वस्तु का वजन आमतौर पर गुरुत्वाकर्षण के कारण वस्तु पर लगनेवाले बल को कहा जाता है ।

 

वातावरण (वायुमंडल) (Atmosphere):
पृथ्वी या किसी अन्य ग्रह के आस-पास वायु का घेरा। पृथ्वी के वातावरण की जानकारी:

 

विषुव (Equinox):
यह ऐसा समय-बिंदु है,जब पृथ्वी की भूमध्य रेखा सूर्यबिंब के केंद्र से गुजरती है । दूसरे शब्दों में, यह ऐसा बिंदु है जिसमें सूर्य का केंद्र सीधे भूमध्य रेखा पर होता है।

प्रत्येक वर्ष यह दो बार होता है, 20 मार्च और 23 सितंबर। विषुवदिन पर दिन और रात का समय बिल्कुल समान अवधि का होता है (प्रत्येक 12 घंटे)।

 

स्पर्शरेखा (Tangent):
सीधी रेखा जो वक्र को केवल एक बिंदु पर बस छूती है, लेकिन उस रेखा का विस्तार करने पर वह उस बिंदु को पार नहीं करती है ।

 

सिंक्रोनस (Synchronous):
एक ही समय या दर पर हो रही प्रक्रिया या गतिविधि ।

 

स्वयं-प्रकाशित (Self luminous):
अपने आप में प्रकाश उत्सर्जन की विशेषता ।

 

सूर्य ग्रहण (Solar eclipse):
सूर्य और पृथ्वी के बीच से जब चंद्र गुजरता है, तब चंद्र पूर्ण या आंशिक रूप से सूर्य को आच्छादित कर देता है, उसे सूर्य ग्रहण कहते है ।  ऐसा केवल अमावस्या के दिन ही हो सकता है ।

 

सौर दिन (दिन) (Solar day or Day):
सूर्य के सापेक्ष, पृथ्वी को अपने धुरी पर घुमने के लिए लगनेवाले समय को सौर दिन कहते है । यह लगातार दो सूर्योदय के बीच का समय है ।

 

संयुति माह (Synodic month):
यह दो लगातार अमावस्या या दो लगातार पूर्णिमाओं के बीच का समय है। संयुति महीने का समय 29.531 दिन है।

क्ष

क्षितिज (Horizon):
आकाश से पृथ्वी को अलग करनेवाली आभासी रेखा ।

 

क्षुद्रग्रह (Minor planet):

  1. यह सूर्य की परिक्रमा करनेवाले छोटे खगोलीय पिंड होते हैं ।

  2. इनमें से ज्यादातर आकार में अत्यधिक बड़े पिंड, मंगल और बृहस्पति के कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं, हालांकि कुछ पिंडों की इससे अधिक विस्तृत कक्षाएं होती हैं।

त्र

त्रिज्या (Radius):
वृत्त (या गोले) की केंद्र से परिधि तक की रेखा की लंबाई को त्रिज्या कहते है।

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