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Unit 3: The Solar System and Beyond

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2.5 धूमकेतु या पुच्‍छल तारा

शब्दकोष



सौर मंडल में पाई जाने वाली दूसरी रोचक चीज धूमकेतु हैं। धूमकेतु धूल और बर्फ से बने होते हैं। इनका आकार भी अनियमित होता है और इनकी लंबाई करीब 30 किमी. होती है। ये सौर मंडल के सबसे बाहरी हिस्‍से से आते हैं, सूर्य के चारों ओर एक चक्‍कर लगाते हैं और फिर चले जाते हैं। इनमें से कुछ फि‍र से लौटते हैं और कुछ नहीं लौटते ! कुछ तो रास्‍ते में ही खत्म हो जाते हैं। सूर्य के करीब पहुंचते ही ये पिघल कर गैसें छोड़ने लगते हैं। इससे अंतरिक्ष में धुंध या कोमा पैदा हो जाता है और कभी कभार एक पूंछ भी बन जाती है। पूंछ हमेशा सूर्य की विपरीत दिशा में ही रहती है। हम अब तक 500 से ज्‍यादा धूमकेतुओं के बारे में जानते हैं।

 

हैली नामक वैज्ञानिक ने एक धूमकेतु की खोज की थी जो 76 सालों बाद लौटता है। उन्‍होंने अपने से पहले के वै‍ज्ञानिकों की टीपों/आंकड़ों का इस्‍तेमाल किया, कुछ गणनाएं की और यह पूर्वानुमान लगाया कि  यह धूमकेतु 1758 में लौटेगा। अफसोसजनक बात यह रही कि वे इसे अपनी आंखों से देखने से पहले  1742 में ही गुजर गए। आप पता लगाइए कि अब हम इसे फि‍र से कब देखेंगे। भारतीय वैज्ञानिक वेणु बापू ने एक धूमकेतु को खोजा जब वे हार्वर्ड विश्‍वविद्यालय में पीएचडी के शिक्षार्थी थे। इस धूमकेतु का नाम ‘बापू-बोक-न्‍यूकिर्क’ रखा गया।(बोक और न्‍यूकिर्क बापू के साथ काम करने वाले दो सहकर्मियों के नाम हैं।)  

 

शौकिया खगोलविज्ञानी यानी खगोलविद् (ऐसे व्‍यक्‍ति जो खगोलविज्ञान में रूचि तो रखते हैं लेकिन जिनकी आजीविका खगोलविज्ञान में काम करना नहीं होती) आकाश का अवलोकन करते रहते हैं और अपने नोट्स दर्ज करते रहते हैं। कुछ धूमकेतु ऐसे शौकिया खगोलविज्ञानियों द्वारा खोजे गए हैं। वे अलग-अलग वेधशालाओं से आंकड़े हासिल कर सकते हैं, जैसे, द सोलर एंड हैलीओस्फेरिक ऑब्‍जरवेटरी(सोहो), उनका विश्‍लेषण कर सकते हैं और किसी ग्रह की खोज कर सकते हैं। एक भारतीय छात्र प्रफुल्‍ल शर्मा ने कक्षा बारह में पढ़ते वक्‍त सोहो के आंकड़ों का इस्‍तेमाल करके एक धूमकेतु को खोजा था।
 

चित्र 5: धूमकेतु

U3L2_Fig7a
चित्र 5अ: 8 मार्च, 1986 को खींची गई हैली धूमकेतु की तस्‍वीर
(https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=544352, सार्वजनिक डोमेन, http://nssdc.gsfc.nasa.gov/image/planetary/comet/lspn_comet_halley1.jpg http://nssdc.gsfc.nasa.gov/photo_gallery/photogallery-comets.htmlसाभार: NASA/W द्वारा. Liller - NSSDC's की फोटो गैलरी  (NASA):)

 

U3L2_Fig7b
चित्र 5ब: अं‍तरिक्ष यान से खींचा गया 103 पी/हार्टले के केन्‍द्रक का फोटो। इस केन्‍द्रक की लंबाई करीब 2 किमी. है।
(साभार: NASA/JPL-Caltech/UMD - द्वारा http://www.nasa.gov/mission_pages/epoxi/images/version1/IINMVUAXF_6000002_001_001_crop.html, सार्वजनिक डोमेन, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=11964349)

 

इन सारी चीजों के अलावा सौर मंडल का ज्‍यादातर हिस्‍सा निर्वात यानी वैक्‍यूम है।

सौर मंडल के बाहर क्‍या है ? वहां पर हमारे सूर्य की ही तरह दूसरे तारे हैं। कुछ तारों के चारों ओर घूमने वाले ग्रह भी हैं। दूसरे तारों के चारों ओर घूमने वाले ग्रहों को ‘बाह्य ग्रह’ कहते हैं। दूसरे तारों तथा ब्रह्मांड यानी यूनिवर्स के बारे में हम पाठ 4 में सीखेंगे।