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Atom in Chemistry

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परमाणु को समझने की ज़रूरत 1

स्वंतंत्र तत्व पाने की मुश्किल !

तत्व, स्वतंत्र रूप से क्यों नहीं मिलते ?
 
रसायन शास्त्री इस नतीजे पर पहुंच चुके थे कि कुछ आधारभूत तत्व हैं जो पदार्थों की इतनी विविधता को जन्म देते हैं। इनकी संख्या आज 118 है।
 
लेकिन यह भी बात समझ आ गई  थी  कि अधिकांश तत्व प्राकृतिक रूप से तत्व के रूप में नहीं मिलते। वे हमेशा किसी अन्य तत्व के साथ संयोजित रूप में ही मिलते हैं। 

हम इसी बात पर आगे चर्चा करने जा रहे हैं।

चलिए एक वीडियो देखते हैं। इसमें सोडियम धातु को काटा जाएगा।

आपको ध्यान से सोडियम की कटी हुई सतह को देखना है और वहां क्या परिवर्तन हो रहा है उस पर नज़र रखनी है?

क्या थोड़ी देर के बाद सोडियम की सतह की चमक में फर्क आता है? क्यों?


जिस कारण सोडियम की सतह मलिन पड़ गई उसे रासायनिक रूप से इस तरह लिखा जा सकता है
 
सोडियम+ऑक्सीजन = सोडियम ऑक्साइड
 
तत्व सोडियम ने हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ क्रिया करना शुरु कर दिया और सोडियम ऑक्साइड बना दिया। सतह पर यही रासायनिक क्रिया के चलते चमक उड़ गई।
 
 शायद आपमें से किसी के घर लोहे की कड़ाही हो सब्जी बनाने के लिए या फिर लोहे का तवा का इस्तेमाल होता होगा। जब धोने के बाद हम उसे रख देते हैं तो उसमें जंग लग जाती है?
 
किसी लोहे की वस्तु को थोड़े दिन बाहर छोड़ने पर क्या उसमें जंग लग जाती है।
 
लोहा+ऑक्सीजन = लोहे का ऑक्साइड
 
 
चलिए फास्फोरस का उदाहरण लेते हैं -
 
फास्फोरस जीवन का एक अभिनन अंग है। आपने देखा कि फास्फोरस हड्डियों में, मूत्र में मिलता है। सबसे पहले इसे इंसान के मूत्र से ही प्राप्त किया गया था। खेतों में इसे फास्फेट के रूप में उर्वरक की तरह उपयोग किया जाता है।
 
लेकिन प्रकृति में कभी भी यह शुद्ध रूप में या तात्विक रूप में नहीं मिलता है। यह कैल्सियम फास्फेट के रूप में चट्टानों से प्राप्त होता है।
 
फॉस्फोरस + कैल्सियम = कैल्सियम फास्फेट
 
इन तीनों तत्वों सोडियम, लोहे और फास्फोरस को आपने देखा कि वे क्रियाशील होते हैं और सामान्य ताप और दाब पर रासायनिक क्रिया शुरु कर देते हैं।
 
और रासायनिक क्रिया के बाद जो पदार्थ बनता है वह क्रियाशील नहीं होता। स्थायी होता है।
 
जैसे आपने सोडियम तत्व के रूप में वह बहुत क्रियाशील है। जबकि नमक के रूप में वह क्रियाशील नहीं है और स्थायी है।
  
शुद्ध लोहा भी तुरंत ही आक्सीजन से क्रिया करना शुरु कर देता है और लोहे का आक्साइड बना लेता है। लोहे का खनिज, जिससे शुद्ध लोहा प्राप्त किया जाता है, आमतौर पर लोहे के आक्साइड के रूप में ही मिलता है।
 
अब आप आवर्त सारिणी के १८वें कॉलम के तत्वों को देखिए। इन्हें नोबल गैसें कहा जाता जाता है। यह तत्व के रूप में प्राकृतिक रूप से मिलती हैं। और स्थायी होती हैं। और सामान्य परिस्थितियों में अक्रियाशील होती हैं।
 

 


जब कोई पदार्थ दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर बना होता है और उसकी भौतिक और रासायनिक प्रकृति मूल तत्वों से भिन्न होती है तो हम उसे यौगिक कहते हैं।
 
नमक Na और Cl से मिलकर बना यौगिक है। क्लोरीन अपनी मूल प्रकृति में हल्की पीली गैस है और सोडियम एक चमकीला ठोस है। जब दोनों संयोजित होते हैं तो ठोस नमक मिलता है जिसकी प्रकृति दोनों से बिल्कुल भिन्न होती है।
 
इसी तरह पानी भी H और O से मिलकर बना होता है। मूल रूप में दोनों ही गैस हैं। जबकि पानी द्रव है।
 
अपने चारों ओर ज़रा नज़र दौड़ाइए - आपको यौगिक ही यौगिक नज़र आएंगे। तत्व ढूंढे से भी न मिले।
 
यौगिकों से रासायनिक प्रक्रिया के द्वारा ही तत्वों को अलग किया जा सकता है।
 


इन सारी बातों को हम इन बिन्दुओं के रूप में समझ सकते हैं
 
१. मूल तत्वों से कुछ स्थायी होते हैं यानी मूल रूप में ही ही मिलते हैं। इनकी संख्या वैसे तो काफी कम है। जैसे कि कॉलम १८ में स्थित अक्रिय गैसें।
 
२. अधिकतर तत्व प्रकृति में यौगिक के रूप में ही मिलते हैं। जो दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर बना होता है। जैसे कि लोहा - लोहे के आक्साइड के रूप में, साडियम - सोडियम क्लोराइड और अन्य रूपों में, फास्फोरस - कैल्सियम फास्फेट के रूप में।
 
3. यौगिक, मूल तत्वों की बजाय स्थायी होते हैं।
 



अब हमें कुछ और ​सवाल मिल गए जिनका कि हल ढूंढ़ना है

1. अक्रिय गैसें जिन्हें कि नोबल गैसें भी कहा जाता है क्यों अक्रियाशील और स्थायी होती हैं?
 
2. क्यों कुछ तत्व जैसे कि सोडियम, कैल्सियम, और लोहा आदि क्रियाशील होते हैं?
 
3. क्रियाशील तत्व हर किसी तत्व के साथ मिलकर यौगिक नहीं बनाते। यौगिक बनाने की प्रक्रिया में भी एक योजना दिखती है?

 
अगर हम समझ तत्वों की जुड़ने की योजना को समझ पाएं तो शायद हम नया यौगिक बना सकें?

[Contributed by administrator on 10. Januar 2018 21:13:38]