clix - Atom in Chemistry
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Atom in Chemistry

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Na & Ne - Cl & Ar

Na & Ne - Cl & Ar - आठ का नियम

 

क्या तत्वों की बाहरी कक्षा में भरे हुए कुल इलेक्ट्रॉन्स और उनकी रासायनिक क्रियाशीलता के बीच कुछ संबंध है?

 

आइए इसे निम्न उदारहण से समझते हैं।

 

हमे पता है कि सोडियम के परमाणु के पास कुल 11 इलेक्ट्रॉन्स होते है | इस प्रकार उसमे पहले दो काक्ष क्रमश: दो और आठ इलेक्ट्रॉन्स से पुरे भर जाते है और ग्यारहवा इलेक्ट्रान तीसरी कक्ष में भरता है | इस प्रकार सोडियम परमाणु की इलेक्ट्रॉनिक संरचना ( 2, 8, 1 ) होती है।

अब क्लोरीन के परमाणु को ही लीजिये, उसके परमाणु में कुल 17 इलेक्ट्रॉन्स होते है , जो 2,8,7 संरचना में पहली, दूसरी और सबसे बाहर वाली तीसरी कक्षा में भरते है|

इस प्रकार , सोडियम के बाहरी कक्ष में सिर्फ एक इलेक्ट्रान है - वहीं क्लोरीन के बाहरी कक्ष में सात इलेक्ट्रान है।

 

 
Sodium

 

किसी तरह अगर सोडियम और क्लोरीन  दोनों के पास परमाणु  की बाहरी कक्ष में आठ इलेक्ट्रान हो जाएं तो वे भी नोबल गैस के समान अक्रिय और रासायनिक रूप से स्थायी हो जाएंगे।

 

ऐसा ही होता है –आवर्त सारणी के सारे के  सारे के सारे तत्व नोबल गैस के समान इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त करके स्थायी और रासायनिक तरह से  स्थिर होना चाहते हैं।

 

इसके लिए उन्हें चाहिए उनकी बाहरी उर्जा स्तर में आठ इलेक्ट्रान।
 

                               Na



अब इलेक्ट्रान की संख्या को ऐसे ही तो आसानी से बदली नहीं जा सकती | प्रकृति कोई  हमारी परमाणु फैक्ट्री की app की तरह थोड़े ही काम करती है।

 

तो सामान्यत : उसमे उन्हें ऐसे तत्वों के साथ संयोजन बनाने की तत्परता रहती है जिनसे वह किसी तरह  निशित संख्या में इलेकट्रान  को इस प्रकार ले या दे सके या बाँट सके ताकि प्रत्येक की बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रान हो जाए |

 

यही उनकी रासायनिक क्रियाशीलता का कारण भी प्रतीत होता  है।

 

तो जब सोडियम और क्लोरीन को एक दूसरे के नजदीक लाया जाता है तब सोडियम परमाणु तुरंत ही सबसे बाहरी इलेक्ट्रान को क्लोरीन के परमाणु को दान करता है। इस प्रकार अब Na के पास +1 का आवेश अतिरिक्त बचता है और उसकी इलेक्ट्रॉनिक संरचना (2 ,8 ) हो जाती है जो उसके पास की अक्रिय गैस  नियोंन के परमाणु की इलेक्ट्रॉनिक संचरचना जैसी ही है | अब हम इसे सोडियम परमाणु न कहकर सोडियम आयन कहेंगे। जोकि रासायनिक प्रकृति में सोडियम से बिलकुल भिन्न होगा।

उसी प्रकार सोडियम परमाणु से दान दिए हुये इलेक्ट्रान को स्वीकार कर क्लोरीन परमाणु के पास एक्स्ट्रा (-1) आवेश  हो जाता है और उसकी इलेक्ट्रॉनिक संरचना (2,8,8) हो जाती है जो उसके सबसे पास की अक्रिय गैस आर्गन के परमाणु की इलेक्ट्रॉनिक संरचना ( 2,8,8 ) जैसी ही है और इसे भी अब हम क्लोरीन का परमाणु न कहकर क्लोरीन का ऋणात्मक  आयन कहेंगे जिसकी रासायनिक प्रकृति क्लोरीन के परमाणु की रासायनिक प्रकृति से भिन्न होती है।

 

अंत में एक दूसरे के नजदीक में रहे हुए सोडियम धनात्मक आयन  और क्लोरीन ऋणात्मक आयन एक दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक बल के जरिये आकर्षित होते है और सोडियम क्लोराइड (Nacl) यानी नमक का निर्माण करते है जो कि एक यौगिक होता है।

 

इस प्रकार सोडियम आयन और क्लोरीन आयन के बाच में जिस बंध के बनने से NaCl यौगिक बना , उस बंध को आयनिक बंध कहते हैं।                                     

जैसा कि हम पिछले पाराग्राफ में पहले ही देख चुके है कि किस तरह Na और Cl के अणु की अपनी इलेक्ट्रॉनिक संरचना को स्वम से नजदीक की अक्रिय गैस के अणु की इलेक्ट्रॉनिक संरचना में बदलने की प्रवृति रखते है | यह प्रवृति उनको क्रमश : Na+ और Cl- आयन्स में बदल देती है और अंत में इन धनात्मक और ऋणात्मक आयन्स के बीच के इलेक्ट्रॉनिक इंटरेक्शन के परिणाम स्वरुप NaCl के एक अणु की रचना होती है |

इस सारी प्रक्रिया के परिणाम स्वरुप हम देख सकते है कि Na  और Cl  तत्व के परमाणु एक दुसरे के साथ एक तरह से बंध जाते है और एक Nacl के नए कण कि रचना करते है | इस नए कण , जो कि एक से ज्यादा परमाणुओ के आपस में बंधने से बनता है, इसको हम अणु कहेते है | यहाँ पर उपरोक्त NaCl के उदाहरण में Na और Cl के बीच जिस तरह का बंध बना है उसे हम आयनिक बंध कहेंगे |


                                           Nacl
कभी कभी परमाणुओ की बाहरी कक्षाओ में इलेक्ट्रानो को मोटी बिंदु से दर्शाते है और कभी कभी इन इलेक्ट्रॉनों को क्रॉस के चिन्ह से भी प्रदर्शित करते है। यहाँ यह समझना  उचित होगा कि दोनों ही इलेक्ट्रान को प्रदर्शित करते है, बस फर्क इतना है कि जब कोई नया अणु बनता है तो आप लोगो को यह साफ़ जो जाये कि कौन सा इलेक्ट्रान किस परमाणु से आया है और बनने वाले नए अणु में किस किस परमाणु के कौन कौन से और कितने इलेक्ट्रोनो कि साझेदारी हुई है। आपके लिए जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह है इलेक्ट्रॉनों की संख्या।

आयन - परमाणु फैक्ट्री में आपने आयन के बारे में भी कुछ समझा होगा। कि कौन सा आयन किन स्थितियों में बनता है।
 

आयनिक बंध के परिणाम स्वरुप बने हुए पदार्थो के अन्य सामान्य उदाहरण है ; सोडियम फ्लोराइड (NaF), पोटैशियम क्लोराइड(KCl) , कैल्शियम क्लोराइड (CaCl2 )

 

अभ्यास – क्या आप अपनी कॉपी में NaCl के की तरह ही, उपरोक्त अन्य पदार्थो के  उनके मूलभूत तत्वों में से बनने की प्रक्रिया को भी बता सकते है |


 
[Contributed by administrator on 10. Januar 2018 21:13:22]