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Lesson 4: अजैविक कारक का मापनः ऑक्सिजन

अजैविक कारक का मापनः ऑक्सिजन

 ऑक्सिजन एक ऐसा अजैविक तत्व है जो (कुछ किस्म के बैक्टीरिया को छोड़कर) सभी जीवों के अस्तित्व के लिए जरूरी है । स्थलीय जीव जिस हवा में सांस लेते हैं उसी से ऑक्सिजन प्राप्त करते हैं। हालांकि ऑक्सिजन एक गैस है लेकिन वह पानी में घुल सकती है और जलीय जीव, जैसे कि मछलियां पानी में घुले हुए ऑक्सिजन का ही इस्तेमाल करती हैं। ​

हम सभी यह जानते हैं कि अगर वातावरण में ऑक्सिजन की मात्रा घट जाए तो उसमें रहने वाले जीवों को घुटन महसूस होगी और ऐसे में उनकी मृत्यु भी हो सकती है (‘परिस्थितिक तंत्र के प्रकार’ के अध्याय में अक्वेरियम पर दिया गया विडियो देखो)। अक्वेरियम में हवा के बुलबुले बनाने वाला पम्प पानी में ऑक्सिजन के स्तर को बनाए रखता है और इस तरह मछलियों का दम घुटने से बचाता है।​

 

निम्न प्रयोग में हम पानी में घुले ऑक्सिजन की मात्रा का मापन करेंगे।

इस तरह के प्रयोग के लिए आमतौर पर एक अच्छे प्रयोगशाला की जरूरत होती है। लेकिन हमने इसे आसान बना दिया है और तुम अपनी कक्षा में ही प्रयोगशाला बना सकते हो। पानी में घुले ऑक्सिजन की मात्रा को मापने के लिए हम जिस पद्धति का उपयोग कर रहे हैं उसे ‘विंक्लर्स पद्धति’ कहते हैं।​

जरूरी सामान

इस गतिविधि के लिए तुम्हे निम्न सामानों की जरूरत होगी -​

            BOD बोतल                                            सिरिन्ज                                                टेस्ट ट्यूब
                                                       1 मि.ली.                          5 मि.ली. 

DO   Syrine1ml  syringe5ml   testtube

 

                                                                              कागज़ का कप                          

                                                                                papercup             

 

रसायनः निम्न रसायनों के घोल

मैन्गेनीज़ सल्फ़ेट

अल्कलाइन पोटेशियम आयोडाइड 
फ़ॉस्फ़ोरिक एसिड
स्टार्च
सोडियम थायोसल्फ़ेट

 

पानी – 

2 लीटर – किसी प्राकृतिक जल स्रोत से लिया गया

2 लीटर – पंद्रह मिनट तक उबालने के बाद ठंडा किया हुआ 

समूह अभ्यास

क्लास को 6-6 के समूहों में बांट लो। हर समूह को ‘ए’ या ‘बी’ में सो कोई एक नाम चुनना होगा।

 

टीम ए प्राकृतिक जल स्रोत से लाए गए पानी का इस्तेमाल करेगी

टीम बी पन्द्रह मिनट उबालने के बाद ठंडे किए गए पानी का इस्तेमाल करेगी


इस तरह आधे समूह प्राकृतिक जल स्रोत के पानी का इस्तेमाल करेंगे जबकि बाकी आधे पन्द्रह मिनट उबालने के बाद ठंडे किए गए पानी का इस्तेमाल करेंगे।



पानी की जांच के चरण

 

पहला चरण  

BOD बोतल को पानी में धीरे-धीरे डुबोकर उसमें पानी भर लो। यह ध्यान रहे कि पानी के इस नमूने में हवा को एक भी बुलबुला न रहे। हवा के बुलबुलों से नतीजे गलत हो सकते हैं। इसलिए जब बोतल पानी में हो तभी उसका ढक्कन भी बंद कर दो।

दूसरा चरण

अब उसके ढक्कन को सावधानी से खोलो और उसमें 4 बूंद मैन्गेनीज़ सल्फ़ेट की डाल दो।

तीसरा चरण   

इसके बाद उसमें 4 बूंद अल्कलाइन पोटेशियम आयोडाइड के घोल की डालो।

चौथा चरण

अब ढक्कन को कसकर बंद कर दो और पानी को अच्छी तरह से हिलाओ। तुमने शायद यह ध्यान दिया हो कि बोतल के पानी में भूरे रंग के कण भर गए हैं। उनको नीचे बैठने दो।

पांचवां चरण

अब उसमें 10 बूंद फ़ॉस्फ़ोरिक एसिड मिलाओ। ढक्कन को कसकर बंद कर दो और फिर बोतल को हिलाओ। इसका ध्यान रहे कि सारे भूरे कण घुल जाएं।

छठा चरण

5 मि.ली. के सिरिन्ज का इस्तेमाल करके BOD बोतल में से 5 मि.ली. घोल निकालो और उसे टेस्ट ट्यूब में डाल दो।

सातवां चरण

टेस्ट ट्यूब में स्टार्च के घोल की 2 बूंदे डालो। अब तुम्हारे इस घोल का रंग नीला हो जाएगा।

आठवाँ चरण

1 मि.ली. की सिरिन्ज में 1 मि.ली. सोडियम थायोसल्फ़ेट घोल निकाल लो।

नौंवा चरण

अब सोडियम थायोसल्फ़ेट घोल को एक-एक बूंद करके धीरे-धीरे टेस्ट ट्यूब में तब तक डालो जब तक कि उसका नीला रंग पूरी तरह से गायब नहीं हो जाता। नीला रंग गायब हो जाने पर डालना बंद कर दो। अब टेस्ट ट्यूब के घोल को रंगहीन बनाने में सोडियम थायोसल्फ़ेट घोल की जितनी मात्रा लगी है उसको नोट कर लो।

दसवां चरण

सिरिन्ज में बचे हुए सोडियम थायोसल्फ़ेट घोल को इस प्रयोग के बाद वापस डाल दो।

ग्यारहवां चरण

इस पद्धति को ठीक ढंग से समझने के लिए नीचे दिए गए विडियो को ध्यान से देखो।



हिसाब

पानी में मौजूद ऑक्सिजन की मात्रा को मापने के लिए नीचे दिए गए फ़ॉर्मुले का इस्तेमाल करो -
 

एक लीटर पानी में घुला हुआ ऑक्सिजन (मिलीग्राम/लीटर) = इस्तेमाल किए गए सोडियम थायोसल्फ़ेट घोल की मात्रा (मि.ली. में) X 80

                                                        = ………. मिलीग्राम/लीटर ऑक्सिजन (पानी में घुला हुआ)



 प्रयोग को समझने के लिए वीडियो देखें​​​
 
 
[Contributed by administrator on 10. Januar 2018 21:33:38]