clix - Values Stories (obsolete)
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Values Stories (obsolete)

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18.2 मनीष और उसका निर्णय



हम जो निर्णय लेते हैं उनके परिणाम भी हमें ही भुगतने पड़ते हैं। कुछ परिणामों का असर थोड़े समय के लिए रहता है और कुछ का असर बहुत लंबे समय तक रहता है। आइए इसे ठीक से समझने के लिए एक उदाहरण देखते हैं।

                                             Mechanic

मनीष एक छोटे शहर में नवीं कक्षा में पढ़ रहा था। उसके एक दोस्त राकेश ने स्कूल आना बंद कर दिया और पास के एक शहर में जाकर मकैनिक का काम करने लगा। त्यौहार के दिनों में वह अपने घर आया और उसने सबको मोबाइल फोन, रंगीन चश्मे और अन्य चीज़ें दिखाई, जो उसने अपनी कमाई से खरीदी थीं। मनीष भी ऐसी चीज़ें खरीदना चाहता था मगर उसके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे। मनीष ने राकेश से बात की और उसी गराज में काम करने चला गया। मनीष एक औसत दर्जे का विद्यार्थी था। उसके माता-पिता ने उसे मनाने की बहुत कोशिश की, कि वह अपनी पढ़ाई न छोड़े। परंतु वह पैसे कमा कर स्वतंत्र जीवन बिताना चाहता था। कुछ सालों के बाद उसके सहपाठियों ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली। उनमें से कुछ पोलिटेकनिक या कॉलेज में भी पढ़ने के लिए गए। वे मनीष से अधिक पैसे कमाने लगे। पर मनीष अब भी अपनी कम कमाई वाली गराज की नैकरी कर रहा था। क्या मनीष ने स्कूल छोड़ कर सही निर्णय लिया? मनीष ने स्कूल छोड़ने का निर्णय क्यों लिया? इस बारे में सोचें।

[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org, richa.pandey@clixindia.org on 6. April 2018 17:52:37]