clix - Values Stories (obsolete)
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Values Stories (obsolete)

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6.5 समान अवसर


 

इस कहानी में उन बातों के बारे में बताया गया है जो हमारे आस-पास होती हैं। हम एक असमान समाज में रहते हैं। कुछ लोग गरीब होते हैं और कुछ अमीर। असमानताएँ और भी तरह की होती हैं, जैसे कि लिंग और जाति की। लड़कों की तुलना में, बहुत कम लड़कियों को पढ़ने और नौकरी करने का मौका मिलता है। ऊँची जाति के लोगों की तुलना में, नीची जाति के लोगों की परिस्थिति काफी बुरी होती है। यह फर्क कमाई, सेहत, रहने की जगह इत्यादि में साफ दिखाई देता है। इतना फर्क क्यों होता है? ऎसा नहीं है कि अमीर लोग, गरीबों से ज़्यादा बुद्धिमान या मेहनती होते हैं। ऎसा भी बिल्कुल नहीं है कि पुरुष, स्त्रियों से बेहतर होते हैं या फिर एक जाति दूसरी जाति से बेहतर होती है। मुख्य तौर पर यह इस वजह से होता है, कि दोनों समूहों को समान अवसर नहीं दिए जाते। एक अमीर परिवार अपनी धन-दौलत अपने बच्चों के लिए छोड़कर जाता है। इससे वे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं, जो गरीबों को नहीं मिलती। समाज के नज़रिए की वजह से लड़कों को ज़्यादा अवसर दिए जाते हैं और लड़कियों को नहीं। इसी तरह ऊँची जाति के लोगों को ज़्यादा सम्मान और अवसर दिए जाते हैं, जो नीची जाति वालों को नहीं मिलते। क्या यह सही है? क्या सबको समान अवसर नहीं मिलने चाहिए?

अगर हम दूसरों से ज़्यादा भाग्यशाली हैं और हमें जीवन में बेहतर अवसर मिले हैं, तो हमें इस बात के लिए कृतज्ञ होना चाहिए और इन अवसरों का अच्छी तरह प्रयोग करना चाहिए। हमें उन लोगों की मदद करनी चाहिए, जिनका जीवन हमारे जितना अच्छा नहीं है। हमें उन्हें आगे बढ़ने के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर देने चाहिए। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है, कि हमें समाज की इस सोच को चुनौती देनी चाहिए, जिसकी वजह से ये असमानताएँ है।

चाहे हमारी परिस्थितियाँ कितनी भी बुरी क्यों न हों, हमें कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से हम अपने जीवन को सुधार सकते हैं। ज्योति की कहानी पढ़िए। ज्योति रेड्डी खेती का काम करके दिन के केवल पाँच रुपए कमाती थी। पर जब वर्ष 1998 में उसके गाँव में नेहरु युवा केंद्र ने रात की स्कूल खोली, तो उसका जीवन ही बदल गया। अपने गाँव में केवल ज्योति ने स्कूल की शिक्षा पूरी की थी, इसलिए उसे केंद्र को संभालने का काम दिया गया।  उसकी मेहनत और लगन को सबने देखा और वह केंद्र में उन्नति करती चली गई। फिर उसने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। आज वह अमेरिका में ’की सोफ्टवेयर सोल्यूशंस’ नामक एक कंपनी में सबसे ऊँचे ओहदे पर है। ज्योति की कहानी हमें बताती है, कि अगर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का निश्चय कर लें, तो सब कुछ संभव है।

[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org, richa.pandey@clixindia.org on 21. März 2018 12:37:44]