clix - Values Stories (obsolete)
     Help Videos
Introduction Adding Buddy Exploring Platform Exploring Units
A-  A  A+

×
×
New profile photo
×
Values Stories (obsolete)

Select from the following:

* Use Ctrl + Click to select multiple options

Selections:

×

Half child half adult Part 1, Page 4

पत्र 2

आजकल मैं हर वक़्त बस लड़कों के बारे में सोचती रहती हूँ। पहले मुझे लड़कों में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं थी। पर अब, जब लड़के मेरी तरफ़ देखते है, तो मन में कुछ गुदगुदी-सी होती है। टीवी पर जब लड़के-लड़कियों को साथ में नाचते-गाते देखती हूँ, तो मैं उनमें खो जाती हूँ। ऎसी कल्पना करने लगती हूँ, कि मैं उनकी तरह नाच रही हूँ। कल मैं क्लास में ऐसे ही सपनों में खोई हुई थी। जब टीचर ने मुझसे कोई प्रश्न पूछा, तो मेरी सहेली ने ज़ोर से कोहनी मार कर मुझे बचा लिया, नहीं तो बुरी डाँट पड़ती। जब भैया के दोस्त घर आते हैं तो मैं उसी कमरे में रहने के बहाने ढूँढ़ती हूँ। जब उनमें से कोई मुझसे बात करता है, तो मैं शर्म से लाल हो जाती हूँ। मन ही मन यह डर लगता है, कि मेरा चेहरा देख कर लोग मेरे दिल की बात जान जाएँगे। कहीं वे मुझे बदचलन न समझने लगें। मुझे लगता है कि केवल मेरे ही मन में ऎसी बातें चल रही हैं। मैं इस बारे में किसीसे बात नहीं कर सकती। मेरे साथ ऎसा क्यों हो रहा है? किससे पूछूँ?

[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org on 26. Juli 2024 22:54:22]