clix - Values Stories (obsolete)
     Help Videos
Introduction Adding Buddy Exploring Platform Exploring Units
A-  A  A+

×
×
New profile photo
×
Values Stories (obsolete)

Select from the following:

* Use Ctrl + Click to select multiple options

Selections:

×

7.5 सोनू को गलती का एहसास हुआ


sonuRoshan

 

सोनू सुबह जल्दी उठ गया और उसने माँ से पूछा कि वह सिलाई का एक काम करने में उसकी मदद कर सकती है या नहीं। माँ ने उसकी बात मान ली। उसे रोशन से मिलने की जल्दी थी और शाम तक रुकना नहीं चाहता था। स्कूल से लौटते ही वह रोशन के घर चला गया। रोशन खाना खाकर उठा ही था और सोनू को देखकर आश्चर्य में पड़ गया। उसे लगा कि झगड़े के बाद सोनू खेलने नहीं आएगा और सबको उसे मनाना पड़ेगा, क्योंकि बैट तो उसी के पास था। रोशन ने हिचकिचाते हुए कहा, “कैसे हो?” सोनू बहुत शर्मिन्दा था, पर उसने खुद को संभाला और उससे पूछा, “रोशन, क्या तुम अपनी मनपसंद भूरी शर्ट मुझे दे सकते हो? मेरी माँ जेब को सिल देगी और शर्ट बिल्कुल पहले जैसी दिखने लगेगी।” रोशन ने अपने दोस्त को गले लगा लिया और कहा, “हाँ, तुम शर्ट ले जा सकते हो और कल शाम को समय पर खेलने आ जाना। रेणु आन्टी ने बॉल लौटा दी है।”

अगले दिन शाम को सभी लड़के गली में खेलने आए। एक लड़के ने अपनी असहमती जताते हुए कहा, “मुझे बाहर खेलना पसंद है, पर क्या हम कभी-कभी कोई और खेल नहीं खेल सकते, जैसे कि फुटबॉल?” सोनू ने कहा, “हाँ, हमें दूसरों की पसंद को स्वीकार करना चाहिए। तुम क्या कहते हो रोशन?” रोशन कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। फिर उसने अपनी भूरी शर्ट को देखा, जिसकी जेब को सिल दिया गया था और मुस्कुराकर कहा, “हाँ, चलो इस बारे में बात करते हैं, कि हम घर के बाहर और कौन-कौन से खेल खेल सकते हैं।”





 

[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org, richa.pandey@clixindia.org on 6. April 2018 17:09:44]