clix - Values Stories (obsolete)
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Values Stories (obsolete)

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JQ 4

गुरप्रीत ने कुछ देर सोचकर कहा, “जब हमें किसी नई जगह जाना हो, तो हम सारे तथ्य देखते हैं। उस जगह की दूरी, वहाँ का मौसम, जाने में लगने वाला समय इत्यादि। पर जब मुझे कोई नई शर्ट खरीदनी होती है, तो मैं अपनी माँ से राय लेता हूँ, क्योंकि उन्हें पता है कि मुझ पर कौन-सी डिज़ाइन और रंग अच्छा लगता है।”

 

“बहुत अच्छा उदाहरण था गुरप्रीत!” टीचर ने कहा और घंटी बजने पर वह क्लास से चली गई।  

 

दीप्ति और अली को यह कहानी पढ़कर मज़ा आया। दीप्ति ने कहा, “तथ्य और राय के बीच का फर्क जानकर मुझे बहुत-सी बातें समझ आने लगी हैं।” “हाँ” अली ने कहा, “याद है हम झगड़ रहे थे कि किसकी स्कूल ज़्यादा अच्छी है, तुम्हारी या मेरी। पर हम में से कोई भी सही नहीं था क्योंकि हम तो केवल अपनी राय के आधार पर जवाब दे रहे थे।” दीप्ति ने हँस कर कहा, “मैं तो कहूँगी कि मेरे लिए मेरी स्कूल अच्छी है और तुम्हारे लिए तुम्हारी स्कूल। पर जब हम छात्र नेताओं के बारे में झगड़ रहे थे तब हमें अपनी राय देने की जगह उनके बारे में और तथ्य जानने की कोशिश करनी चाहिए थी।” अली ने कहा, “तुम सही कह रही हो दीप्ति, कभी-कभी हम आलस की वजह से तथ्य जानने की कोशिश नहीं करते और उस चीज़ के सारे पहलूओं पर ध्यान नहीं देते।”

क्या आपने भी कभी तथ्यों पर ध्यान न देते हुए केवल राय सामने रखी है? या फिर आपने अपने दोस्तों को ऎसा करते हुए देखा है? इस बारे में अपने दोस्तों से चर्चा करें या फिर अपनी डायरी में लिखें।

 

[Contributed by ankit.dwivedi@clixindia.org on 20. November 2025 02:39:28]